प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- राजा और राज्याभिषेक के बारे में बताइये।
उत्तर-
(King and Coronation )
प्राचीन भारत में राजा का महत्वपूर्ण स्थान था। जो जन का अधिपति होता था उसे राजा कहा जाता था। प्रारम्भ में राष्ट्र की सम्पूर्ण प्रजा मिलकर राजा का चुनाव करती थी लेकिन बाद में यह पद आनुवांशिक हो गया। रामायण काल में राम के राज्याभिषेक का उल्लेख मिलता है। इसका उदाहरण महाभारत काल के राजाओं से भी मिलता है। राजा प्रजा को पुत्र समझकर सदैव उसका हित करते थे। वे कभी काम, क्रोध, लोभ, स्वेच्छा के वशीभूत होकर दण्डनीति को प्रतिपादिन नहीं करते थे। ऋग्वेदकाल में 'राजन' शब्द का उल्लेख मिलता है। इस काल में राजा को 'जन का रक्षक तथा दुर्गों का भेदन करने वाला कहा गया है। उत्तर वैदिककाल तक धीरे-धीरे राजपद वंशानुगत हो गया था। राजा की मृत्यु के बाद ज्येष्ठ पुत्र ही राजा बनता था।
राजपद पर विराजमान होने के लिए राजा का गुणवान होना आवश्यक था। यदि ज्येष्ठ पुत्र में राजा बनने योग्य गुण नहीं होते थे तो उसके स्थान पर अन्य पुत्र को राज्य पद सौंपा जा सकता था, जैसे- महाभारत में धृतराष्ट्र को अन्धा होने के कारण राजा नहीं बनाया गया था। राजा धर्मानुकूल शासन करते थे तथा वे निरंकुश नहीं होते थे। राज्याभिषेक के समय राजा को प्रजा के समक्ष प्रजा पालन की शपथ ग्रहण करनी पड़ती थी। महाभारत में उल्लेख मिलता है कि यदि राजा दुराचारी, अन्यायी होता था तो प्रजा उसे अत्याचारी होने के कारण अस्वीकार कर देती थी या कभी-कभी मार डालती थी। वेण, नहुष, निमि तथा सुदास ऐसे ही राजा थे जो अत्याचारी होने के कारण अपनी प्रजा द्वारा मार डाले गये थे।
|
- प्रश्न- वर्ण व्यवस्था से आप क्या समझते हैं? भारतीय दर्शन में इसका क्या महत्व है?
- प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जाति व्यवस्था के गुण-दोषों का विवेचन कीजिए। इसने भारतीय
- प्रश्न- ऋग्वैदिक और उत्तर वैदिक काल की भारतीय जाति प्रथा के लक्षणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शूद्रों की स्थिति निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- मौर्यकालीन वर्ण व्यवस्था पर प्रकाश डालिए। .
- प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- पुरुषार्थ क्या है? इनका क्या सामाजिक महत्व है?
- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- सोलह संस्कारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के अर्थ तथा उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए तथा प्राचीन भारतीय विवाह एक धार्मिक संस्कार है। इस कथन पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- परिवार संस्था के विकास के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में प्रचलित विधवा विवाह पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में नारी शिक्षा का इतिहास प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- स्त्री के धन सम्बन्धी अधिकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में नारी की स्थिति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में पुत्री की सामाजिक स्थिति बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सती-प्रथा पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक में स्त्रियों की दशा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक विदुषी स्त्रियों के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- राज्य के सम्बन्ध में हिन्दू विचारधारा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- महाभारत काल के राजतन्त्र की व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राज्य के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजा और राज्याभिषेक के बारे में बताइये।
- प्रश्न- राजा का महत्व बताइए।
- प्रश्न- राजा के कर्त्तव्यों के विषयों में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक कालीन राजनीतिक जीवन पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के प्रमुख राज्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राज्य की सप्त प्रवृत्तियाँ अथवा सप्तांग सिद्धान्त को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य का मण्डल सिद्धांत क्या है? उसकी विस्तृत विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- सामन्त पद्धति काल में राज्यों के पारस्परिक सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राज्य के उद्देश्य अथवा राज्य के उद्देश्य।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राज्यों के कार्य बताइये।
- प्रश्न- क्या प्राचीन राजतन्त्र सीमित राजतन्त्र था?
- प्रश्न- राज्य के सप्तांग सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के अनुसार राज्य के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या प्राचीन राज्य धर्म आधारित राज्य थे? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मौर्यों के केन्द्रीय प्रशासन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अशोक के प्रशासनिक सुधारों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त प्रशासन के प्रमुख अभिकरणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त प्रशासन पर विस्तृत रूप से एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- चोल प्रशासन पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- चोलों के अन्तर्गत 'ग्राम- प्रशासन' पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में मौर्य प्रशासन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- मौर्यों के ग्रामीण प्रशासन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- मौर्य युगीन नगर प्रशासन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुप्तों की केन्द्रीय शासन व्यवस्था पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- गुप्तों का प्रांतीय प्रशासन पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- गुप्तकालीन स्थानीय प्रशासन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में कर के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में कराधान व्यवस्था के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- प्राचीनकाल में भारत के राज्यों की आय के साधनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में करों के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कर की क्या आवश्यकता है?
- प्रश्न- कर व्यवस्था की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रवेश्य कर पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- वैदिक युग से मौर्य युग तक अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य काल की सिंचाई व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में आर्थिक श्रेणियों के संगठन तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- श्रेणी तथा निगम पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- श्रेणी धर्म से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए
- प्रश्न- श्रेणियों के क्रिया-कलापों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन श्रेणी संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक काल की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बौद्धकालीन शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए वैदिक शिक्षा तथा बौद्ध शिक्षा की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के प्रमुख उच्च शिक्षा केन्द्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "विभिन्न भारतीय दार्शनिक सिद्धान्तों की जड़ें उपनिषद में हैं।" इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अथर्ववेद पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।